राजस्थान के कोटा 110, बीकानेर 162 , नवजात शिशुओं की मौत के बाद , गुजरात के दो शहरों राजकोट 111 और अहमदाबाद 87 मौंतों के बाद , एकबार फिर से राजस्थान के जोधपुुर से 142 , अलग अलग और बेहद चौंकाने वाले मामले सामने आये हैं
एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि पिछले साल दिसंबर में जोधपुर के दो अस्पतालों में 100 से अधिक नवजात शिशुओं की मौत हुई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर में उमैद और एमडीएम अस्पतालों में 146 बच्चों की मौत हुई, जिनमें से 102 शिशुओं की मौत नवजात गहन चिकित्सा इकाई में हुई। कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत के मद्देनजर एसएन मेडिकल कॉलेज द्वारा तैयार रिपोर्ट में जोधपुर में नवजात शिशुओं की मौत का आंकड़ा दिया गया है।
एसएन मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य एसएस राठौड़ ने कहा कि यह आंकड़ा शिशु मृत्युदर के अंतरराष्ट्रीय मानकों के दायरे में आता है। उन्होंने बताया, 2019 में कुल 47,815 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और इनमें से 754 बच्चों की मौत हुई। दिसंबर में 4,689 बच्चों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था जिनमें से 3,002 बच्चों को एनआईसीयू और आईसीयू में भर्ती किया गया था और इनमें से 146 बच्चों की मौत हुई थी। राठौड़ ने अस्पताल में "दबाव से निपटने' के लिए संसाधनों की कमी से इंकार किया।
गुजरात में तीन माह में इतने शिशुओं की मौतें चौंकाने वाले आंकड़े हैं
गुजरात के राजकोट जिले से चौंकाने वाली खबर सामने आई है । राजकोट में बीते तीन माह में 269 की शिशुओं की मौत हुई है। इनमें से 111 शिशुओं की मौत तो महज दिसंबर में हुई थी। राजकोट के पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक मनीष मेहता ने कल रविवार को कहा : आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार राजकोट के पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में पिछले साल दिसंबर में 111 बच्चों की मौत हुई। वहीं नवंबर में 71 और अक्तूबर में 87 शिशुओं की मौत हुई
कम वजन भी वजह
दिसंबर में शिशुओं की मौत के मामलों में बढ़ोतरी रेफर किए गए ऐसे मरीजों की संख्या में वृद्धि के चलते हुई जो गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे। मेहता ने कहा कि शिशुओं की मौत के मामलों में बढ़ोतरी कम वजनी बच्चों के जन्म के मामले बढ़ने की वजह से भी हुई है