जनतंत्र गाथा न्यूज
बार फिर मीडिया से मुखातिब हुईं KBC से सुर्खियों में आने वाली तहसीलदार अमिता सिंह
प्रायोजित तरीके से मानसिक रूप से किया जा रहा प्रताड़ित।
सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते हुई निलंबित, कलेक्टर सहित पुलिस अधीक्षक ने बोल दिया कि फर्जी पट्टो पर हुई निलंबित।
तहसीलदार अमिता बोली मानसिक रूप से प्रताड़ित किया,मानहानि के केस की तैयारी
श्योपुर: मध्यप्रदेश की एन्टी माफिया मुहिम के चलते प्रशासन ने नोटिस बांट बांट कर खूब रेवड़ी बटोरी और जहाँ रेवड़ी न मिली वहाँ पर ऊपर बैठे आकाओं के इशारे पर प्रशासन द्वारा गाज गिरना लाजिमी है, ऐसी कार्यवाही होना इन बातों की प्रमाणिकता इस बात से होती है कि कुछ दिन पहले मुख्य सचिव श्री मोहंती का पत्र भी सोशल मीडिया पर सामने आया था ,कुछ ऐसा ही कराहल में सिख समुदाय को लेकर भेदभाव पूर्ण कार्यवाही प्रशासन के द्वारा की गई ,ऐसे आरोप प्रशासन पर लगे और शिकायत प्रदेश के मुखिया कमलनाथ तक पहुंची। प्रशासन पूरे अमले के साथ कहर बन इन चुनिंदा परिवारों पर टूट पड़ा,आखिर मुँह से आये निवाला अगर छिन जाए तो वेदना सहना मुश्किल है और उसका सीधा असर कराहल में सिख परिवारों पर देखने मिला।जब इस द्वेषपूर्ण कार्यवाही के खिलाफ सिख समाज लामबंद हुआ तो प्रशासन की सांसें फूल गयी और निशाना पहले से द्वेषपूर्ण एकपक्षीय राजनीति की शिकार रहीं तहसीलदार अमिता सिंह को फिर से निशाना बनाया गया है
अमिता सिंह ने स्पष्ट रूप से कुछ सवाल मीडिया के सामने रखे हैं जिनके जवाब मिलना जरूरी हैं
आखिर किसने अभयदान दिया जो कार्यवाही करने वाले दस्ते पर गाज नही गिरी ? जब पट्टे हुए थे तब अमिता सिंह क्या श्योपुर में पदस्थापित थी ?
महिला तहसीलदार ने बताया जिन 14 सिखो के घर तोड़े गए उनके पट्टे 2002-03 के हैँ और 2006 मे अमल हुए उस समय तो हम जिला सीहोर मे NT पद पर पदस्थ थे फिर श्योपुर मे हमारे द्वारा ये कैसे किया जा सकता है ? ये तय राजनीति के तहत हमारे सामाजिक सम्मान, गरिमा को धूमिल करने की साजिश है
श्योपुर कलेक्टर ने कहा है कि 2011 मे अमिता सिंह ने पट्टे किये कराहल मे, जबकि अमिता सिंह ने दावा किया है कि 31/12/2012 को उन्होंने ज्वाइन किया तो 2011 मे पट्टे हमने कैसे कर दिए ?
फिलहाल सिख समुदाय के साथ हुई इस कार्यवाही की सुगबुगाहट अब दूसरे राज्यों तक पहुंच चुकी है।
वहीं पंजाब से एक प्रतिनिधिमंडल भी कराहल पहुँचा और उनसे चर्चा की देखना अब यह है कि कमलनाथ सरकार क्या वाकई दोषियों पर कार्यवाही कर पाती है ,या एक बार फिर महिला तहसीलदार को ही निशाना बनाया जायेगा ?
अमिता सिंह ने कहा कि अपने 16 साल के सेवा काल मे एक भी इंच का पट्टा हमारे द्वारा दिया गया है तो कोई भी सिद्ध कर दे , मैं स्वयं को सजा के साथ त्याग पत्र देने को तैयार हूँ, मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित, एवं सामाजिक छवि को धूमिल किया गया है इसलिये मानहानि का नोटिस भेज रहे हैं।
अमिता सिंह तोमर तहसीलदार श्योपुर