महाशिवरात्रि
हे कैलाशपति हे भूतनाथ हे शिव शंभू हे प्राणनाथ।
हे गौरापति हे महाकाल हे त्रिपुरारी हे काल कराल।।
मैं तुझमे लय हो जाऊं, पी गंगा जल शिवमय हो जाऊँ।
हे जटाजूट सर पावन गंगा बाबा फक्कड़ बम बम नंगा।।
भोला कृपा दृष्टि बरसा दे, मुझमे भी थोड़ा शिव लादे।
मैं बन जाऊं सेवक शिव का, मुझको तू कैलाश बसा दे।
जब भी डम डम डमरू बाजे मैं तेरी धुन में रम जाऊं।
घोंटू भंग मैं भोला की ओर बाबा तेरी चिलम जलाऊं।।
तू दीन हीन का साथी भोला जाति धर्म से फक्कड़ है।
मेरा ईश्वर मेरा अल्लाह केवल भोला शंकर है।।
।।।बम बम भोले।।।
कुं.अनुज सुमन सिंह तरसमा (बिस्मिल) की कलम से🖋️