भोपाल: महिला सशक्तिकरण व महिलाओं को केंद्र में रखकर गुरुवार को पूरे देश में महिला दिवस मनाया जा रहा है। इस दौरान देश में कई महिलाएं अपने कार्य व्यवहार और उनके द्वारा किए गए कार्यों के कारण वह चर्चा में रही हैं । वहीं दूसरी और प्रशासनिक व्यवस्थाओं में प्रशासनिक अफसरों के क्या अधिकार होते हैं इसका एहसास एक महिला अफसर कराने में कामयाब रही है जिनका नाम है अमिता सिंह। वर्तमान में राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी और तहसीलदार अमिता सिंह निलंबित चल रही है और श्योपुर में अपने वरिष्ठ अधिकारियों से विवाद के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया लेकिन यहां पर अपने प्रशासनिक कर्तव्य और कार्यों के कारण वह चर्चा में रही हैं। रविवार को महिला दिवस होने के नाते उनका भी जिक्र जरूरी है क्योंकि उन्होंने प्रशासनिक व्यवस्था में आने के बाद किसी भी वरिष्ठ अफसर से दबने का काम नहीं किया बल्कि महिला शक्ति को नई पहचान दिलाई। यही कारण है कि वह इस समय आज महिला दिवस के मौके पर चर्चा में हैं।
किसी भी अफसर से दबी नहीं 14 साल में 25 ट्रांसफर हुए -
राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी और तहसीलदार अमिता सिंह तोमर। 14 साल की नौकरी में 25 तबादले। 9 जिले और 25 तहसीलों में पदस्थापना। श्योपुर में अपनी पदस्थापना के दौरान वरिष्ठ अफसरों से उनका विवाद हुआ। बाद में वरिष्ठ अफसरों ने उन्हें एक पोस्ट के चलते आरोपों में फंसा दिया। स्वयं तहसीलदार अमिता सिंह कहती हैं कि उनके कार्यकाल में यह हुआ ही नहीं और अफसरों ने उन पर गाज गिरा दी। उन्होंने कहा कि वह जनता के लिए हमेशा समर्पित रहीं हैं यही बात वरिष्ठ अफसरों को सुहाती नहीं है।
केबीसी में 50 लाख जीत चुकी हैं-
अमिता सिंह पिछले कुछ वर्षों से लगातार चर्चा में है अपने लगातार स्थानांतरण, अधिकारियों से विवाद, जनता की समस्याएं उठाना उनकी एक आदत रही है।
कुछ समय पहले ब्यावरा से 800 किमी दूर सीधी तबादला होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र औैर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ट्विट कर न्याय की गुहार लगाई थी। इसके अलावा अमिता, केबीसी में 50 लाख रुपए भी जीत चुकी हैं।